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    शिक्षा और योग के क्षेत्र में पतंजलि की नई पहल, इन तीन विश्वविद्यालयों के साथ किया समझौता

    1 week ago

    <p style="text-align: justify;"><strong>Patanjali News:</strong> पतंजलि विश्वविद्यालय और पतंजलि अनुसंधान संस्थान ने देश के तीन प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के साथ एक ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं.&nbsp;यह समझौता शिक्षा, चिकित्सा, योग, आयुर्वेद, कौशल विकास, और भारतीय ज्ञान परंपरा जैसे क्षेत्रों में परस्पर सहयोग को बढ़ावा देगा.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>जिन विश्वविद्यालयों के साथ यह समझौता हुआ, वे हैं: </strong></p> <ol style="text-align: justify;"> <li style="text-align: justify;">राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय, छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश)</li> <li style="text-align: justify;">हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग (छत्तीसगढ़)</li> <li style="text-align: justify;">और महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय, चित्रकूट (मध्य प्रदेश).</li> </ol> <p style="text-align: justify;"><strong>पतंजलि के राष्ट्र निर्माण के कार्यों की हुई सराहना</strong></p> <p style="text-align: justify;">इस मौके पर तीनों विश्वविद्यालयों के कुलगुरु- प्रो. इंद्र प्रसाद त्रिपाठी, डॉ. संजय तिवारी, और प्रो. भरत मिश्रा उपस्थित रहे. सभी ने पतंजलि के राष्ट्र निर्माण के कार्यों की सराहना की. पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलगुरु डॉ. आचार्य बालकृष्ण ने इस मौके पर पतंजलि द्वारा किए जा रहे कार्यों, जैसे इतिहास लेखन, वनस्पति शास्त्र, निदान ग्रंथ, और विश्व भेषज संहिता के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने कहा, "ऋषि क्रांति, योग क्रांति, और शिक्षा क्रांति का यह सफर लाखों लोगों को लाभान्वित करेगा."</p> <p style="text-align: justify;"><strong>शिक्षा-परंपराओं को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम</strong></p> <p style="text-align: justify;">यह समझौता भारतीय शिक्षा और परंपराओं को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. पतंजलि विश्वविद्यालय के इन प्रयासों से देश में शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित होंगे. यह सहयोग न केवल ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा देगा, बल्कि भारतीय संस्कृति और विज्ञान को वैश्विक मंच पर ले जाएगा.</p> <div> <p style="text-align: justify;">पतंजलि के इस प्रयास से न केवल शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि यह देश की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने और वैश्विक स्तर पर प्रचारित करने में भी मदद करेगा. इस MoU के तहत संयुक्त अनुसंधान, कार्यशालाएं और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जो विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं के लिए नए अवसर खोलेंगे.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>यह भी पढ़ें-</strong></p> <p style="text-align: justify;"><a href="https://www.abplive.com/lifestyle/health/health-news-how-patanjali-wellness-helped-people-overcome-chronic-health-conditions-naturally-2967766"><strong>पंचकर्मा और योग: प्राकृतिक चिकित्सा से हो रहा दीर्घकालिक रोगों का अंत, बदला लाखों लोगों का जीवन</strong></a></p> </div>
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