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    सुबह उठते ही आने लगती हैं छींके, हो सकती है इस चीज की एलर्जी

    3 weeks ago

    <p style="text-align: justify;">क्या आपको रोज सुबह उठते ही लगातार छींकें आने लगती है? क्या आपकी नाक बहने लगती है या नाक बंद हो जाती है, और पूरे दिन थकावट या चिड़चिड़ापन बना रहता है? अगर ऐसा होता है तो यह किसी नॉर्मल सर्दी-जुकाम की बात नहीं है, बल्कि ये एक खास तरह की एलर्जी का संकेत हो सकता है, जिसे आम भाषा में एलर्जिक राइनाइटिस भी कहा जाता है.</p> <p style="text-align: justify;">बहुत से लोग इस समस्या को हल्के में ले लेते हैं. वे सोचते हैं कि शायद ऐसा मौसम में बदलाव की वजह से हो सकता है, लेकिन असल में सुबह-सुबह छींक आना आपके आसपास के वातावरण, जैसे बेडरूम में मौजूद धूल, फफूंद, पालतू जानवरों की रूसी, या परागकण (Pollens) से होने वाली एलर्जी हो सकती है. ऐसे में आइए आज हम आपको बताते हैं कि एलर्जिक राइनाइटिस क्या है? यह क्यों होता है और इसके लक्षण क्या हैं?</p> <p style="text-align: justify;"><strong>एलर्जिक राइनाइटिस क्या है?</strong></p> <p style="text-align: justify;">एलर्जिक राइनाइटिस नाक की एक एलर्जी है. इसमें जब व्यक्ति किसी एलर्जन यानी एलर्जी पैदा करने वाली चीज के संपर्क में आता है, जैसे कि धूल के कण, परागकण यानी पौधों से निकलने वाले छोटे कण, पालतू जानवरों के बाल या डैंडर और फफूंद या नमी तो उसका शरीर तुरंत प्रतिक्रिया देने लगता है, जिसके कारण नाक बहती है, छींक आती हैं और आंखों में पानी आता है और कई बार गले में खराश भी हो जाती है.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><strong>सुबह ही क्यों होती है ज्यादा दिक्कत?</strong></p> <p style="text-align: justify;">सुबह के समय शरीर में एक केमिकल जिसका नाम हिस्टामिन (Histamine) होता है, उसका लेवल बढ़ जाता है. यह हिस्टामिन एलर्जी के लक्षणों को और तेज कर देता है. साथ ही रातभर जब हम सोते हैं, तब हमारे कमरे में धूल जमा हो जाती है. परागकण हवा में होते हैं, बिस्तर, तकिए और पर्दों में एलर्जन जमा होते हैं, खिड़की दरवाजे खुले होते हैं, जिससे नमी और बाहरी एलर्जी अंदर आती है. इन सबके कारण सुबह उठते ही जैसे ही हम सांस लेते हैं तो छींकें आना शुरू हो जाता है.&nbsp;<br />&nbsp;<br /><strong>एलर्जिक राइनाइटिस के लक्षण</strong><br />1. सुबह उठते ही लगातार छींकें आना<br />2. नाक से पानी बहना या नाक बंद होना<br />3. आंखों में खुजली या पानी आना<br />4. गले में खराश या खिचखिच<br />5. दिन भर थकावट या चिड़चिड़ापन<br />6. सिर में भारीपन या दर्द</p> <p style="text-align: justify;"><strong>कैसे बचें एलर्जी से?</strong><br />1. बेडरूम की साफ-सफाई रखें , हर हफ्ते बिस्तर और तकिए गर्म पानी से धोएं.&nbsp;<br />2. पर्दे, कालीन और गद्दे को नियमित वैक्यूम करें.<br />3. खिड़कियां बंद रखें, खासकर जब बाहर परागकण ज्यादा हों.<br />4. &nbsp;सोने से पहले नहाएं, ताकि शरीर और बालों से पराग हट जाए.<br />5. नमी को नियंत्रित करने के लिए डी-ह्यूमिडिफायर का यूज करें.<br />6. गद्दों और तकियों पर धूल रोकने वाले कवर यूज करें.&nbsp;<br />7. कमरे में एयर प्यूरीफायर चलाएं, कपड़े बदलकर सोएं, जो बाहर पहन कर आए थे, उन्हें बेड तक न लाएं.&nbsp;<br /><strong>&nbsp;</strong><br /><strong>यह भी पढ़ें </strong><a href="https://www.abplive.com/lifestyle/health/what-is-the-golden-period-in-brain-stroke-and-how-long-can-a-patients-life-be-saved-3006284#google_vignette">ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों के लिए क्या होता है गोल्डन पीरियड, कब तक बच सकती है जान?</a></p>
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